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बच्चों की देखभाल के साथ गांव के लोगों को कोरोना के प्रति भी कर रही जागरूक
चांदन प्रखंड के बेलवा नीचा टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 116 में है कार्यरत
बांका, 5 नवंबर
आंगनबाड़ी सेविका का काम पहले से ही चुनौतीपूर्ण है. छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल करना और उनमें शिक्षा की अलख जगाना कोई आसान काम नहीं है. कोरोना ने तो इस चुनौती को और बढ़ा दी है, लेकिन इस काम को बहुत जिम्मेदारी से कर रही है चांदन प्रखंड के भेलवा नीचा टोला गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 116 की सेविका संजू देवी. संजू देवी कोरोना काल में दोहरी चुनौती को मात दे रही है.
जागरूकता की दोहरी जिम्मेदारी कर रही पूरी: कोरोना संक्रमण को लेकर सेविका संजू देवी को घर- घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी भी मिली है. सेविका संजू देवी सुबह से ही अपने काम में जुट जाती हैं. वह घर- घर जाकर गांव के लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करती हैं. कोरोना से बचाव के लिए लोगों को मास्क पहनने और घरों से कम निकलने की सलाह देती हैं. लोगों को समझाती हैं कि बाहर से घर आने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें. वह कहती है लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने एवं बाजार या सब्जी मंडी में एक- दूसरे से दूरी बनाकर रहने की सलाह देती हैं.
जागरूकता का दिख रहा है असर: सेविका संजू देवी कहती हैं कि जागरूकता का गांव के लोगों में असर पड़ रहा है. बाहर निकलते वक्त लोग भीड़ लगाने से बच रहे हैं. लोग मास्क लगाकर ही बाहर निकलते हैं. सैनिटाइजर का भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो लापरवाही कर रहे हैं, लेकिन वह भी जल्द ही समझ जाएंगे. कोरोना का अतिरिक्त काम मिलने के बारे में वह कहती हैं कि यह विपत्ति का समय है. इस वक्त लोगों को बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभानी चाहिए. खासकर जब तक कोरोना संक्रमण का खतरा है तब तक तो लोगों को निश्चिंत होकर नहीं बैठना चाहिए.
40 बच्चे हैं आंगनबाड़ी केंद्र में: भेलवा नीचा टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में 40 बच्चे हैं. इनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी संजू देवी उठा रही हैं. साथ ही बच्चों को प्राथमिक तौर पर शिक्षित करने का भी काम कर रही हैं. बच्चों के पोषण से लेकर हर तरह की जिम्मेदारी को वह बखूबी निभा रही हैं. इस काम में सहायिका भी उनका साथ दे रही हैं. संजू देवी 2005 से आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 116 में अपनी सेवा दे रही हैं. वह बताती हैं कि अब तक सैकड़ों बच्चे यहां से शिक्षित होकर निकल चुके हैं. सारे बच्चे उनका आदर करते हैं. साथ में गांव के लोग भी उनके कार्य से काफी संतुष्ट हैं.
परिवार का भी मिल रहा सहयोग: सेविका संजू देवी कहती हैं कि अगर परिवार का सहयोग नहीं मिलता तो वह अपना काम इतनी मजबूती से नहीं कर पाती. बच्चे तो पढ़ते हैं लेकिन घर पर पति मेरे काम में सहयोग करते हैं. इसी का परिणाम है कि मैं अपना काम बेहतर तरीके से कर पा रही हूं. दरअसल, फील्ड में काम करते वक्त मुझे घर के बारे में बहुत ज्यादा चिंता नहीं रहती है. यही कारण है कि वह अपने काम को सही तरीके से अंजाम दे पा रही है.
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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